डिग्री और डिप्लोमा में क्या अंतर है।

डिग्री और डिप्लोमा कोर्स में अंतर-

आप सभी का हमारे पोस्ट में फिर एक बार स्वागत है। आज हम डिग्री और डिप्लोमा कोर्स के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे कि कैसे आप अपने हायर एजुकेशन के लिए डिग्री और डिप्लोमा का चुनाव कर सकते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार शिक्षा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। आधुनिक युग शिक्षा प्रधान युग माना जाता है। हर विद्यार्थी 10th 12th पास करने के बाद कंफ्यूज रहता है कि अपने हायर एजुकेशन के लिए डिग्री करें कि डिप्लोमा। अगर आप भी ऐसा सोच रहे तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। इस पोस्ट के माध्यम से आप अपना कंफ्यूजन दूर कर सकते है। तो चलिए डीग्री और डिप्लोमा के अंतर को जानने का प्रयास करते है। 



डिग्री और डिप्लोमा का महत्व-

डिग्री और डिप्लोमा 10th या 12th क्लास पास करने के बाद किया जाने वाला कोर्स है। यह एक प्रकार से हायर एजुकेशन या ग्रेजुएशन का सर्टिफिकेट है। जब हम हायर एजुकेशन कंप्लीट करते हैं तो मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालय या निजी शिक्षण संस्थान द्वारा दिया जाने वाला यह प्रमाण पत्र है। इस सर्टिफिकेट के माध्यम से आप जॉब कर सकते हैं या अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकते हैं। इस लेख के माध्यम आपको पता चल गया होगा की डिग्री और डिप्लोमा में क्या अंतर है? तथा ये दोनों क्या होते हैं। अतः अब इसे अलग-अलग समझने का प्रयास करते हैं -

डिग्री किसे कहते है-

किसी भी विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षा ग्रहण करने केपश्चात प्रदान करने वाला प्रमाण पत्र डिग्री कहलाता है। गवर्नमेंट विश्व विद्यालयों में या मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालय में स्नातक तथा स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान की जाती है। डिग्री कोर्स में शैक्षणिक ज्ञान तथा थ्योरी पर अधिक महत्व दिया जाता है। इसमें प्रयोगात्मक शिक्षण आवश्यकता अनुसार ही दिया जाता है। डिग्री कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को अपनी मूल विषय के अतिरिक्त अन्य विषयों का भी ज्ञान अर्जित करवाया जाता है। इसका पाठ्यक्रम इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि विद्यार्थी अपनी मूल विषय के अतिरिक्त अन्य विषय पर भी एक मजबूत पकड़ बना सके। ताकि आने वाले समय में भविष्य में अपनी आवश्यकता तथा सोच अनुसार अन्य विषय पर उच्च शिक्षा का लाभ ले सके।

फल स्वरुप आप अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात स्नातकोत्तर यह मास्टर डिग्री में प्रवेश लेते समय मूल विषय के स्थान पर अन्य विषय का चुनाव कर सके। इसी कारण डिग्री में मुख्य विषय के अतिरिक्त अन्य विषयों का अध्ययन करवाया जाता है। भारत में समानता बैचलर डिग्री की पढ़ाई लगभग 3 से 4 वर्ष में होती है तथा कंप्लीट होने में लगभग 5 वर्ष लग जाते हैं। बैचलर डिग्री के अंतर्गत आने वाले कोर्स निम्नलिखित हैं -
     
1.   Bachelor of science (B.Sc)

2.   Bachelor of commerce (B.Com)

3.  Bachelor of arts ( B.A)

4.   Bachelor of computer science

5.  Bachelor of technology (B.tech)

6.  Bachelor of engineering (B.E)

7.   Bachelor of communication design

8.   Bachelor of architecture

9.    Bachelor of fashion design

10.   Bachelor of media communication

11.   Bachelor of journalism & mass media

12.   Bachelor of hotel management

13.   Bachelor of laws

14.  Bajar of program in business

15.  Bachelor of sports management

16.   Bachelor of business administration
                                      & more.....





मास्टर डिग्री क्या है-

यह मास्टर डिग्री बैचलर डिग्री प्राप्त करने के पश्चात होती है। इसमें आप अपने मूल विषय के स्थान पर इच्छा अनुसार अन्य विषय का भी चुनाव मास्टर डिग्री के लिए कर सकते हैं। यदि आप मूल विषय में ही मास्टर डिग्री कंप्लीट करते हैं तो आप उस विषय में महारत हासिल कर जाते हैं। मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद अब बड़े-बड़े एजुकेशन शिक्षण के लिए पात्र हो जाएंगे। जिससे आप किसी भी विद्यालय या विश्व विद्यालय में शिक्षा अध्ययन करा सकते है। मास्टर डिग्री करने के लिए आप निम्नलिखित विषय में एडमिशन ले सकते है-

1.   Master of science (M.Sc)

2.   Master of arts   (M.A)

3.   Master of technology (M.Tech)

4.   Master of architect

5.   Master of data science

6.   Master of business

7.   Master of chemistry 

8.   Master of education

9.   Master of computer applications

10. Master of mass communication

11. Master of economics

12. Master of mathematical finance

13. Master of medical science

14. Master of music

15. Master of pharmacy

16. Master of philosophy

17. Master of public administration

18. Master of political science

19. Master of real state development

20. Master of urban planning & more.... 

डिप्लोमा किसे कहते है-



यह मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों की स्थान पर किसी अन्य निजी शिक्षण संस्थान द्वारा प्रदान किए जाने वाला प्रमाण पत्र डिप्लोमा कहलाता है। डिप्लोमा कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान तथा थ्योरी के स्थान पर प्रयोगात्मक ज्ञान पर ज्यादा ध्यान आकर्षण करवाया जाता है। अर्थात विद्यार्थियों का अध्ययन डिप्लोमा कोर्स में प्रैक्टिकल रूप से होता है डिप्लोमा कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को मुख्य रूप से प्रॉपर रोजगार के लिए तैयार किया जाता है। डिप्लोमा कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को मूल विषय का कम समय तथा कम लागत में अध्ययन करवाया जाता है। डिप्लोमा कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को उस समय तक जॉब वर्क या इंटरशिप की तैयारी करवाई जाती है। डिप्लोमा के माध्यम से विद्यार्थियों को खास तौर पर किसी न किसी जॉब के लिए सक्षम किया जाता है। यही डिप्लोमा का मुख्य उद्देश्य है। डिप्लोम निम्नलिखित फील्ड में किया जा सकता है -       

 Electrical-

1. Electrician
2. Wireman
3. Electrical mechanic
4. Mechanic computer hardware

Electronics-

1. Advanced belding
2. Tool and die making
3. Architecture draught manship
4. Electronics and communication

 Mechanical-

1. Heat engine automobile
2. Mechanic tool maintenance
3. Mechanic motor vehicles
4. Mechanic radio and TV

Computer

1. Computer operator and programming assistant
2. Mechanic computer hardware
3. Network technician
4. IT industry workshop

उपर्युक्त लेख के माध्यम से आप समझ गए होंगे कि डिग्री और डिप्लोमा क्या होता है? किस प्रकार इसका महत्व है ?डिग्री या डिप्लोमा करने से आपको क्या फायदा या नुकसान है,आप इस पोस्ट के माध्यम से जान गये होंगे आशा करता हूं कि मेरे द्वारा लिखा गया यह पोस्ट आपको समझ में आया होगा। अगर आपका कोई सवाल है या कहीं पर आप कंफ्यूज हैं तो आप हमें नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।


                     Thanks for watching

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